Monday, January 17, 2011

खाली हाथ आया है, खाली हाथ जाना है?

किसने कहा, 'खाली हाथ आया है, खाली हाथ जाना है'?
बहोत कुछ ले जाना है, हमें बहोत कुछ ले जाना है.
औरो के छुपे भेद को र्हदय में दफ़न कर ले जाना है.
मुसलमा हो, एशाई हो, अपने साथ भेद को दफनाना है.
हिन्दू हो तो शरीर के साथ उसकोभी जलना है.
अगर नहीं तो..... बदले में ढेर सारे कर्मबंधन मिलेंगे.
जिसे खपाते खपाते कई जन्मो के फेरे पड़ेंगे.
पीछे अपने आग के सोले छोड़ जाओगे.
जो धरा की शांति भी भंग करेंगे.
उससे तो अच्छा है जरुर साथ ले जाओ.
उन रचयताको जूठा करो जो कह गए,
'खाली हाथ आया है, खाली हाथ जाना है'.
- दिलीप आर पंचमिया

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